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۞ विवेकानंद उच्च माध्यमिक विद्यालय में उप प्राचार्य पद पर कार्यरत। कंचन देवी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय से 2015 ई. में Bachelor of Education (B.Ed.) पूर्ण की।

Saturday, October 17, 2020

2. जुमला और इसके अक्साम

जुमला की तारीफ़  :
वो अल्फाज का मजमुआ जिस को सुनने के बाद पूरा मफ्हुम समझ में जाए और इसकी  वजाहत की कोई जरुरत हो या दो या दो से ज्यादा अल्फाज का इस तरह इस्तेमाल किया जाये की कोई बात समझ में आये, उसे जुमला कहते हैं।
 
जैसेतुम कल आना, यह आम मीठा हैं, खालिद स्कुल गया।
*जुमले के लिए कम से कम दो कलमे होना जरुरी हैं।

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मरकब, मतलक, ताबेअ  जुमले में अन्तर :-
  
1. मरकब जुमलों में सब ही मरकब जुमले बराबर की हैसियत रखते हैं।
  
2. मायने मफ्हुम के ऐतबार से एक दुसरे के मोहताज ना हो तो ऐसे जुमलो को मतलक जुमले कहा जाता हैं।
       
जैसेहम खेल रहे थे और बच्चे खेल रहे हैं।
  
3. कुछ जुमले ऐसे भी होते हैं जिन में एक जुमला तो असल होता लेकिन बाकी जुमले इस के ताबेअ होते हैं, ऐसे जुमलों को         ताबेअ जुमले कहते हैं।
      
जैसेवो किताब जो आप ने मंगवाई थी वो मैं ले आया हूँ।   
      
इसमें असल जुमला - वो किताब मैं लाया हूँ। जबकी इसका ताबेअ जुमला हैं - जो आप ने मंगवाई थी।
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                        बनावट के ऐतबार से जुमले की दो किस्मे होती हैं
1. मुफरिद जुमले :-
   
ऐसा जुमला जिस में सिर्फ एक फ़ैल हो मुफिर्द जुमला कहलाता हैं।
   
जैसेइरशाद आया , सलीम ने खाना खाया
* वो जुमला जो एक मुब्तदा और एक खबर रखता हो।
* ऐसे अल्फाज जो ना तो दुसरे अल्फाज से अखज किये गये है और ना किसी लफ्ज से जुड़ कर बनते है फिर भी वो पुरे मायने देते है
   
मुफरिद या सादा
2. मरकब जुमले :-
  
जब दो या दो से ज्यादा जुमले मिल कर किसी मफ्हुम या ख्याल को अदा करें तो वो मरकब जुमला कहलाएगा।
   
मरकब जुमले की दो किस्मे होती हैं – (i) हम रुतबा जुमला        (ii) ताबेअ जुमला  
   
(i)
हम रुतबा जुमला - अगर कोई जुमला मुकाबले में जुदागाना बराबरी की हैसियत रखता हो तो वो हम रुतबा जुमला कहलाएगा।
(ii)
ताबेअ जुमलाजो जुमला मुकाबले में बराबरी की हैसियत रखता हो बल्कि दुसरे के तहत हो तो वो जुमला ताबेअ कहलाएगा।
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मायने के ऐतबार से जुमले की दो किस्मे होती हैं
1. जुमला इंशाईया  :-
    वो जुमला जिस में कोई खबर या इतला ना हो बल्कि किसी तरह का हुक्म, मुखालिफत, तमन्ना, ताज्जुब, सवाल या फिर हर्फे फिजाईया  
   
में से कोई एक पाया जाए।
   
जैसेकिताब खोलो (हुक्म), काश तुम आते (तमन्ना), वहां कौन हैं? (सवाल) वगेरह।   

3. जुमला खबरिया :-
    वो जुमला जिस में किसी खबर की इतला दी जाती हैं
  
जैसेआम खुबसूरत हैं। , अमरुद मीठा हैं।   इसमें आम और अमरुद की खबर पायी जाती हैं।
  
जुमला खबरिया की भी दो किस्मे होती हैं - (i) जुमला इस्मिया खबरिया         (ii) जुमला फैलिया खबरिया   
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उर्दू में दुनिया की और जबानों की तरह जुमले की असल अजर (जु) दो हैं : (1) मुब्तदा      (2) खबर 
(1)
मुब्तदा :  वो शख्स या शय है, जिस का जिक्र किया जाए। जैसे - अख्तर आया।    ,     माजिद पढ़ रहा है।
(2)
खबर/मसनद : जो कुछ इस शख्स या शय की निस्बत जिक्र किया जाये। जैसे - अख्तर आया    ,     माजिद पढ़ रहा है।